अध्याय 7 : त्रिभुज


गणित कक्षा 9 के अध्याय 7 में त्रिभुजों की सर्वांगसमता के नियमों और उनके विभिन्न सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह अध्याय मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों को समाहित करता है:

  • त्रिभुजों की सर्वांगसमता के नियम
  • सर्वांगसम आकृतियाँ
  • CPCT - सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं
  • SAS, ASA, SSS, RHS नियम
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1. त्रिभुजों $\mathrm{ABC}$ और $\mathrm{DEF}$ में, $\mathrm{AB}=\mathrm{FD}$ तथा $\angle \mathrm{A}=\angle \mathrm{D}$ है। दोनों त्रिभुज $\mathrm{SAS}$ अभिगृहीत से सर्वांगसम होंगे, यदि

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2. यह दिया है कि $\triangle \mathrm{ABC} \cong \triangle \mathrm{FDE}$ है तथा $\mathrm{AB}=5 \mathrm{~cm}, \angle \mathrm{B}=40^{\circ}$ और $\angle \mathrm{A}=80^{\circ}$ है। तब निम्नलिखित में से कौन सत्य है?

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3. $\triangle \mathrm{PQR}$ में, यदि $\angle \mathrm{R}>\angle \mathrm{Q}$ है, तो

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4. त्रिभुजों $\mathrm{ABC}$ और $\mathrm{PQR}$ में, $\mathrm{AB}=\mathrm{AC}, \angle \mathrm{C}=\angle \mathrm{P}$ और $\angle \mathrm{B}=\angle \mathrm{Q}$ है। ये दोनों त्रिभुज हैं

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5. एक त्रिभुज की दो भुजाओं की लंबाइयाँ $5 \mathrm{~cm}$ और $1.5 \mathrm{~cm}$ हैं। इस त्रिभुज की तीसरी भुजा की लंबाई निम्नलिखित नहीं हो सकती

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6. $\mathrm{D}$ एक त्रिभुज $\mathrm{ABC}$ की भुजा $\mathrm{BC}$ पर एक बिंदु इस प्रकार स्थित है कि $\mathrm{AD}$ कोण $\mathrm{BAC}$ को समद्विभाजित करता है। तब,

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7. यदि $\mathrm{AB}=\mathrm{QR}, \mathrm{BC}=\mathrm{PR}$ और $\mathrm{CA}=\mathrm{PQ}$ है, तो

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8. $\triangle \mathrm{PQR}$ में, $\angle \mathrm{R}=\angle \mathrm{P}$ तथा $\mathrm{QR}=4 \mathrm{~cm}$ और $\mathrm{PR}=5 \mathrm{~cm}$ है, तब $\mathrm{PQ}$ की लंबाई है

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9. $\triangle \mathrm{ABC}$ में, $\mathrm{AB}=\mathrm{AC}$ और $\angle \mathrm{B}=50^{\circ}$ है, तब $\angle \mathrm{C}$ बराबर है

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10. निम्नलिखित में से कौन त्रिभुजों की सर्वांगसमता की एक कसौटी नहीं है?

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11. $\triangle \mathrm{ABC}$ में, $\mathrm{BC}=\mathrm{AB}$ और $\angle \mathrm{B}=80^{\circ}$ है, तब $\angle \mathrm{A}$ बराबर है

महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और नियम

त्रिभुजों की सर्वांगसमता के नियम:
त्रिभुज (Triangle) ऐसी आकृति होती है जिसका तीन भुजाएँ और तीन कोण होते हैं। सर्वांगसमता का सिद्धांत कहता है कि यदि किसी दो त्रिभुजों को एक ही आकार और एक समान भुजाओं के लिए सही से रखा जाए तो उनके समकोण एवं समरूपता के अनुसार सभी कोने एवं भुजाएँ बराबर होती हैं।

सर्वांगसम आकृतियाँ:
जब दो या अधिक आकृतियाँ एक रूप और आकार में समान होती हैं, तो उन्हें सर्वांगसम आकृतियाँ कहा जाता है।

CPCT (Corresponding Parts of Congruent Triangles):
सर्वांगसम त्रिभुज के समकोण में समान भुजाएँ होती हैं। यदि त्रिभुज A और B सर्वांगसम हैं, तो AB और AC की समानता के अनुसार, उनके समकोण भी समान होंगे।

SAS (Side-Angle-Side), ASA (Angle-Side-Angle), SSS (Side-Side-Side), और RHS (Right Angle-Hypotenuse-Side) नियम:
ये नियम किसी दो त्रिभुजों की सर्वांगसमता को साबित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं:

  • SAS: यदि दो भुजाएँ और उनके बीच का कोण समान हों।
  • ASA: यदि दो कोण और उनके बीच की भुजा समान हो।
  • SSS: यदि तीनों भुजाएँ समान हों।
  • RHS: यदि एक समकोण, एक भुजा और एक लंबवत भुजा समान हो।

निष्कर्ष

कक्षा 9 गणित का अध्याय 7: त्रिभुज विद्यार्थियों को त्रिभुजों की सर्वांगसमता और उनके महत्वपूर्ण सिद्धांतों की समझ देता है। यह अध्याय MCQs और अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के माध्यम से अध्ययन में मदद करता है।