अध्याय 5 : यूक्लिड की ज्यामिति का परिचय


गणित कक्षा 9 के अध्याय 5 में यूक्लिड की ज्यामिति के महत्वपूर्ण तत्वों का वर्णन किया गया है। इसमें बिंदु, रेखा, तल, अभिग्रहण, प्रमेय और अन्य बुनियादी अवधारणाएँ शामिल हैं। यह अध्याय विभिन्न प्रश्नों का समावेश करता है जो परीक्षा की तैयारी में मदद करते हैं।

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2703

1. यूक्लिड ने अपनी प्रसिद्ध कृति "एलीमेंट्स" को निम्नलिखित में विभाजित कियाः

2710

2. यह ज्ञात है कि यदि $x+y=10$ हो, तो $x+y+z=10+z$ होगा। यूक्लिड की अभिगृहीत, जो इस कथन को स्पष्ट करती है, निम्नलिखित है:

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3. एलीमेंट्स में साध्यों की कुल संख्या है:

2713

4. यूनानियों ने निम्नलिखित पर बल दिया:

2695

5. वे वस्तुएँ, जो एक ही वस्तु की दोगुनी हों, होती हैं

2698

6. यदि एक सीधी रेखा दो सीधी रेखाओं पर गिरकर अपने एक ही ओर दो अंतः कोण इस प्रकार बनाए कि इन दोनों कोणों का योग $120^{\circ}$ हो, तो दोनों सीधी रेखाएँ अनिश्चित रूप से बढ़ाने पर, उस ओर परस्पर मिलेंगी जहाँ कोणों का योग होगा।

2720

7. 'रेखाएँ समांतर होती हैं, यदि वे प्रतिच्छेद नहीं करती' का कथन, निम्नलिखित के रूप में दिया गया है

2706

8. पृष्ठों की परिसीमाएँ हैं:

2715

9. यूक्लिड निम्नलिखित देश का वासी था:

2717

10. पाइथागोरस एक विद्यार्थी था:

2711

11. प्राचीन भारत में, घरेलू पूजा कार्य में प्रयोग की जाने वाली वेदियों के आकार होते थे:

2705

12. ठोसों की परिसीमाएँ हैं:

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13. प्राचीन भारत में, आयतों, त्रिभुजों और समलंबों से संयोजित आकारों की वेदियाँ निम्नलिखित में प्रयोग होती थीं:

2716

14. थेल्स निम्नलिखित देश का वासी था:

2699

15. ठोसों से बिंदुओं तक तीन चरण हैं:

महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और नियम

यूक्लिड के अभिगृहीत
1. वे वस्तुएँ जो एक ही वस्तु के बराबर हों, परस्पर बराबर होती हैं।
2. यदि बराबरों को बराबरों में जोड़ा जाए, तो पूर्ण भी बराबर होते हैं।
3. यदि बराबरों को बराबरों में से घटाया जाए, तो शेषफल भी बराबर होते हैं।
4. वे वस्तुएँ जो परस्पर संपाती हों, परस्पर बराबर होती हैं।
5. पूर्ण अपने भाग से बड़ा होता है।
6. वे वस्तुएँ जो एक ही वस्तु की दोगुनी हों, परस्पर बराबर होती हैं।
7. वे वस्तुएँ जो एक ही वस्तु की आधी हों, परस्पर बराबर होती हैं।

यूक्लिड की अभिधारणाएँ यूक्लिड की निम्नलिखित 5 अभिधारणाएँ हैं-
1. एक बिंदु से एक अन्य बिंदु तक एक सरल रेखा खींची जा सकती है।
2. एक सांत रेखा (रेखाखंड) को अनिश्चित रूप से विस्तृत किया जा सकता है।
3. किसी केंद्र और किसी त्रिज्या को लेकर एक वृत्त खींचा जा सकता है।
4. सभी समकोण एक दूसरे के बराबर होते हैं।
5. यदि एक सीधी रेखा दो सीधी रेखाओं पर गिरकर अपने एक ही ओर दो अंतःकोण इस प्रकार बनाए कि इन दोनों कोणों का योग मिलकर दो समकोणों से कम हो, तो वे दोनों सीधी रेखाएँ अनिश्चित रूप से बढ़ाने पर उसी ओर मिलती हैं जिस ओर यह योग दो समकोणों से कम होता है।


अभिग्रहण:
अभिग्रहण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम किसी बिंदु से किसी वस्तु का आकार या स्थिति समझते हैं।

अभिधारणा और प्रमेय:
यूक्लिड की ज्यामिति में, अभिधारणा एक निश्चित सत्य होता है, जबकि प्रमेय पूर्व निर्धारित अभिधारणाओं पर आधारित सच्चाई होती है।

प्राचीन भारत में अग्निकुंड या वेदियों के आकार:
प्राचीन भारत में अग्निकुंड एक विशेष आकार का होता था, जो किसी धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक होता था।

यूक्लिड की पाँचवीं अभिधारणा:
यूक्लिड की पांचवी अभिधारणा, जिसे समतुल्य रूपांतरण कहा जाता है, दो समानांतर रेखाओं को पकड़ने वाली रेखा के बारे में बताती है।

अभिगृहीतों के एक निकाय की संगतता:
अभिगृहीतों के संगतता का अर्थ है कि सभी अभिगृहीत एक दूसरे के साथ मिलकर एक सुसंगत निकाय का निर्माण करते हैं।

निष्कर्ष

कक्षा 9 गणित का अध्याय 5: यूक्लिड की ज्यामिति का परिचय विद्यार्थियों को यूक्लिड की ज्यामिति के विभिन्न सिद्धांतों और अवधारणाओं के बारे में बताता है। यह अध्याय परीक्षा की तैयारी में मदद करता है।